Sunday, July 24, 2011

जामिया में अगले साल से इंटर व्यू ख़त्म !!!!!

२० जुलाई 2011के नव भारत टाइम्स के हवाले से


जामिया मिल्लिया इस्लामिया में अगले साल से नई एडमिशन पॉलिसी लागू हो सकती है। नई पॉलिसी में इंटरव्यू प्रोसेस खत्म करने की तैयारी की जा रही है। वाइस चांसलर नजीब जंग ने बताया कि जामिया में ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन लेवल पर हर कोर्स में एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट के बेस पर होते हैं और टेस्ट में क्वालीफाई करने वाले स्टूडेंट्स को इंटरव्यू फेस करना होता है लेकिन अगले साल से एडमिशन प्रोसेस में बदलाव होंगे। लेकिन अब इंटरव्यू को खत्म कर दिया जाएगा और एडमिशन सिर्फ एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट पर ही होंगे। एंट्रेंस टेस्ट की वेटेज 100 पर्सेंट होगी और मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी। एडमिशन पॉलिसी में किए जा रहे बदलावों को ऐकडेमिक काउंसिल से पास कराया जाएगा।

वीसी
ने बताया कि जामिया में एडमिशन के लिए होने वाले इंटरव्यू की टीम में यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के अलावा बाहर के एक्सपर्ट भी होते हैं और यूनिवर्सिटी की पूरी कोशिश होती है कि इंटरव्यू में स्टूडेंट्स को किसी तरह की शिकायत नहीं हो। लेकिन फिर भी स्टूडेंट्स उनके पैरंट्स के मन में इंटरव्यू को लेकर कुछ कुछ दुविधा जरूर रहती है। इसी दुविधा को दूर करने के लिए यूनिवर्सिटी सिर्फ एंट्रेंस टेस्ट के रिजल्ट को ही एडमिशन का पैमाना बनाएगी।

वीसी
ने कहा कि जामिया में एंट्रेंस टेस्ट का स्टैंडर्ड काफी हाई होता है और यूनिवर्सिटी लगातार कोशिश कर रही है कि यहां पर एजुकेशन का लेवल बेहतर से बेहतर बने। ऐकडेमिक काउंसिल में नई पॉलिसी को रखा जाएगा और मेंबर्स के सुझावों पर भी गौर होगा। वीसी ने कहा कि जामिया में पूरे देश से स्टूडेंट्स एडमिशन ले रहे हैं और यूनिवर्सिटी की पूरी कोशिश है कि नॉर्थ इंडिया के अलावा साउथ से भी स्टूडेंट्स की संख्या यहां पर बढ़े। इस साल नॉर्थ ईस्ट के अलावा केरल से भी काफी स्टूडेंट्स एडमिशन ले रहे हैं। यूनिवर्सिटी चाहती है कि हर स्टेट से स्टूडेंट्स यहां पर आएं और यूनिवर्सिटी को नैशनल इंटरनैशनल लेवल पर नई पहचान मिले।

जामिया
में पीजी लेवल पर तो सेमेस्टर लागू हो चुका है और इस साल ग्रैजुएशन लेवल पर भी सेमेस्टर की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। वीसी ने कहा कि हो सकता है कि इस साल ग्रैजुएशन के सारे कोर्सेज में सेमेस्टर लागू हो लेकिन जितने भी कोर्सेज में सेमेस्टर लाया जाएगा , उन कोर्सेज के सिलेबस का स्टैंडर्ड हाई रहेगा। यूनिवर्सिटी एक्सपर्ट नए सिलेबस पर काम कर रहे हैं। सभी हेड ऑफ डिपार्टमेंट को कहा गया है कि मार्केट की डिमांड को ध्यान में रखते हुए सेमेस्टर वाइज सिलेबस तैयार हो और सेमेस्टर पर टीचर्स की राय को भी तवज्जो दी जाएगी।

वीसी
ने कहा कि सेमेस्टर का मतलब केवल साल में दो बार एग्जाम करवाना ही नहीं है बल्कि स्टूडेंट्स को सेमेस्टर के जरिए ऐसे अवसर प्रदान करना है , जिसमें उन्हें पढ़ाई पूरी करते ही जॉब के बेहतर चांस मिले। सेमेस्टर में क्रेडिट सिस्टम भी लागू होगा और स्टूडेंट्स चाहे तो एक या दो सेमेस्टर में किसी दूसरी यूनिवर्सिटी से भी पढ़ाई कर सकते हैं।

Sunday, January 30, 2011

कृतज्ञ राष्ट्र ने गांधीजी को श्रद्धांजली दी

आज से तिरेसठ साल पहले आज के दिन आहिंसा का महा पुजारी हिंसा की भेंट चढ़ गया था. गांधीजी ने लड़ाई का नया तरीका अहिंसा इजाद किया .आज पुरे भारत के लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जुट होकर विरोध कर गाँधी जी को श्रद्धांजली अर्पित की .आज गाँधी जी की शहादत के दिन देश के गणमान्य लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून, केंद्र में लोकपाल और हर राज्य में प्रभावशाली और सशक्त लोकायुक्त बनवाने के लिए नई दिल्ली में रामलीला मैदान से जंतर मंतर तक पैदल मार्च किया ..
भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली के रामलीला ग्राउंड से जंतर-मंतर तक पैदल मार्च में नोएडा से भी जनसैलाब शामिल हुए । दिल्ली के आसपास से लोग अपने वाहनों से भी भ्रष्टाचार के खिलाफ छिड़े इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं । आज 'भारत स्वाभिमान' ट्रस्ट की नोएडा इकाई और बाबा रामदेव के पितांजलि योग पीठ की और के इस भ्रष्टाचार विरोधी मुहीम को दिल्ली और नॉएडा में आयोजन किया गया है .


दिल्ली के अलावा मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बैंगलुरु, अहमदाबाद, पुणे, औरंगाबाद, पटना, भागलपुर, लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, इलाहाबाद, सूरत, बड़ोदरा, चंडीगढ़, गुवाहाटी, कोयंबटूर, कानपुर, हैदराबाद, जयपुर, झांसी, ग्वालियर, भोपाल, पणजी (गोवा), पॉन्डिचेरी और कई अन्य में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ मार्च का आयोजन किया गया है।

विदेश में अमेरिका के न्यू यॉर्क (यूनियन स्क्वायर पार्क) और वॉशिंगटन डीसी (यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड) में भी शांति मार्च को आयोजन किया गया है ।मिस्र समेत अरब जगत में चल रहे जन उभार की धमक का अहसास दिलाते हुए देश की नामचीन सामाजिक हस्तियों के नेतृत्व में भारत के कोने-कोने से आये हजारों लोगों ने देश में बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जनयुद्ध’ का शुरु कर दिया और सरकार से ‘जन लोकपाल विधेयक’ को पास करने की मांग की.दिल्ली के रामलीला मैदान पर आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘ट्यूनीशिया में भ्रष्ट सरकार को हटाने के लिये करोड़ों लोग सड़कों पर आ गये और वहां के भ्रष्ट राष्ट्रपति को भागना पड़ा. जनता की जीत हुई.’ ‘इसके बाद मिस्र का नंबर आया जहां का राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक पिछले करीब 30 वर्षों से सत्ता पर कब्ज़ा जमाए हुए है. उसे भी सत्ता छोड़कर जाना होगा.’ उन्होंने कहा, ''अब भारत में पिछले 60 वर्ष से शासन कर रही भ्रष्ट सरकारों का नंबर आया है, जो ट्यूनीशिया में हुआ और मिस्र में हो रहा है, हिंदुस्तान के हुक्मरानों अब यह तुम्हारे साथ होने जा रहा है.’ यह आंदोलन सड़कों पर उतर आया है जो पीछे नहीं हटेगा. संसद में बैठे माफिया के दलालों को जनता द्वारा बनाये गये लोकपाल विधेयक को पास करना होगा.’जनता ने इस नारे के साथ हुंकार भरी, ‘कमाने वाला खायेगा, लूटने वाला जायेगा, नया जमाना आयेगा।''

पूरे अभियान में मुख्य भूमिका निभा रही देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने भ्रष्टाचारियों पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा, ‘देश बहुत अमीर है लेकिन जनता का पैसा विदेशी बैंको में जा रहा है जिससे हम गरीब बने हुए हैं. हमारी असली कमाई कोई और खा रहा है.’किरण बेदी ने कहा, ‘न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े, उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, पूर्व चुनाव आयुक्त जे एम लिंगदोह और सूचना अधिकार कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये जन लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार किया है. इस लोकपाल विधेयक को संसद को पास करवाना होगा.’ उन्होंने कहा, ‘यही लोकपाल विधेयक दागियों को दंड देगा और भ्रष्टाचारियों में डर पैदा करेगा.’ किरण बेदी ने भ्रष्टाचारियों को अलग काल कोठरी में रखने का सुझाव दिया.सूचना अधिकार के लिये लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने जन लोकपाल विधेयक की विशेषतायें बताई और कहा कि यह सरकार द्वारा बनाये गये लोकपाल विधेयक की कमियों को दूर करता है. केजरीवाल ने कहा, ‘प्रस्तावित कानून के बाद केंद्र में लोकपाल और राज्य में लोकायुक्त सरकार के अधीन नहीं होगे. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और सीबीआई का विलय कर दिया जायेगा. लोकपाल और लोकायुक्तों को यह ताकत होगी कि वे भ्रष्ट लोगों को उनके पद से हटा सके.’

हमारे देश को आज वास्तव में ऐसे कानून की आवश्यकता है जिससे भ्रष्टाचार का देश से खत्म हो जाए .हर जगह भ्रष्टाचार है . अगर आपको किसी सरकारी कार्यालय में कोई काम करवाना है तो वो बिना रिश्वत दिए तो हो ही नही सकता है ..चाहे वो अदालत हो या चुनाव कार्यालय .........

अभी कुछ दिनों पहले भारतीय निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूचियों में नए नाम जोड़ने और नए पहचान पत्र बनाने का कार्य किया है . हमारे इलाके ओखला के चुनाव कार्यालय भी भ्रष्टाचार से अछूता नहीं है .हमारे इलाके में अगर आप का पहचान तैयार है तो उसे लेने के लिए कम से कम 200 रूपये का खर्चा अर्थात रिश्वत देनी पड़ेगी . मुझे तो ऐसा लगता है कि पूरी दिल्ली में ऐसा ही हो रहा है .जनता की मेहनत की कमाई का धन भ्रष्टाचारियों की जेबों में चला जाता है ..सरकार को इस और ध्यान देना होगा वरना यहाँ की जनता भी किसी दिन मिश्र की तरह बगावत पर उतर आएगी .भ्रष्टाचार को ख़त्म करना अति आवयशक है



Wednesday, January 26, 2011


सभी भारतवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए
जय हिंद जय भारत

Thursday, January 20, 2011

आज से पुरे देश में मोबाइल पोर्टेबिलिटी सेवा लागू


आज से पुरे देश में मोबाइल पोर्टेबिलिटी सेवा लागू हो गई है . शाम 5 बजे भारत के प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने इसका उदघटन किया है . जिससे देशभर में मोबाइल धारक मौजूदा मोबाइल नंबर बदले बिना किसी दूसरे ऑपरेटर की सेवाए ले सकते है। मोबाइल धारक सिर्फ 19 रूपए देकर नया ऑपरेटर चुन सकते है। मोबाइल नंबर पोर्टबिलिटी (एमएनपी) सेवाओं की शुरूआत पिछले साल नवंबर में हरियाणा से हुई थी। माना जा रहा है कि मोबाइल नंबर पोर्टबिलिटी की शुरूआत के साथ कम्पिनयों के बीच कम्पीटीशन और बढेगा .

इस नई सुविधा को लेकर आपके दिमाग में कई शंकाए और समस्याएं हो सकती है, उनका समाधान हम यहां सुझा रहे है:-
- एमएनपी की अर्जी दी लेकिन अब ऑपरेटर नहीं बदलना चाहते है तो क्या करे।
- 24 घंटे के अंदर अपनी अर्जी वापस ले सकते है, 19 रू. की फीस वापस नही होगी।
- क्या नए ऑपरेटर को फिर से पहचान पत्र और एड्रेस प्रुफ देना होगा।
- हां, हर बार ऑपरेटर बदलते समय पहचान पत्र, फोटो और एड्रेस प्रूफ देना होगा।
- ऑपरेटर बदलते में कितना समय लगेगा।
- कम से कम चार दिन और ज्यादा से ज्यादा सात दिन का समय लगेगा।
- क्या ऑपरेटर बदलने के बाद एमएमएस और जीपीआरएस सेटिंग दोबारा सेव करनी होगी।
- हां, एमएमएस और जीपीआरएस सेटिंग दोबारा सेव करनी होगी।
- ऑपरेटर बदलने के बाद कॉलर टोन फिर से सेट करनी होगी।
- हां, कॉलर टोन फिर से सेट करनी होगी।
- एमएनपी के लिए पोस्टपेड ग्राहक क्या करें।
- आपका पुराने ऑपरेटर का बिल चुकाना होगा और एमएनपी की अर्जी के साथ पिछला बिल लगाना होगा।
- चालू महीने का बिल बाकी हो तो भी ऑपरेटर बदल सकते है।
- हां, लेकिन पिछले ऑपरेटर के बिल को चुकाना जरूरी है, नहीं तो नया कनेक्शन बंद हो जाएगा।
- क्या प्रीपेड ग्राहक अपना बैलेंस दूसरे ऑपरेटर को ट्रांसफर करवा सकते है।
- नहीं, बैलेंस इस्तेमाल नहीं करेंगे तो अपने आप समाप्त हो जाएगा।
- क्या अपने सर्किल से बाहर ऑपरेटर बदल सकते है।
- जिस सर्किल का नंबर है, उसी में एमएनपी का फायदा मिलेगा।
- क्या एमएनपी में ऑपरेटर बदलने के बाद सिमकर्ड भी बदलेगा।
- हां नया ऑपरेटर ग्राहक को नया सिम देगा, पुराने सिम पर नए ऑपरेट की सर्विस शुरू नहीं होगी।
- क्या कोई सीडीएमए ग्राहक जीएसएमकी सर्विस और ऎसे ही जीएसएम वाले सीडीएमए ऑपरेटर की सर्विस एमएनपी के तहत बदल सकते है।
- हां, आप ऎसे सर्विस बदल सकते है।
- अगर पिछला कनेक्शन सिर्फ एक महीने पहले ही लिया है तो क्या ऑपरेटर बदल सकते है।
- नहीं, कनेक्शन के तीन महीने बाद ही ऑपरेटर बदलेगा।
- एमएनपी के तहत ही दोबारा ऑपरेटर बदलने पर क्या कोई पाबंदी है।
- हां, आप तीन महीने बाद ही दोबारा अर्जी दे सकते है।
- क्या प्रीपेड/पोस्टपेड नंबर को पोस्टपेड / प्रीपेड में बदला जा सकता है।
- हां, प्रीपेड/पोस्टपेड नंबर को पोस्टपेड / प्रीपेड में बदला जा सकता है।
- एमएनपी को अर्जी किस आधार पर खारिज हो सकती है।
- फार्म में गलत यूपीसी कोड भरने पर, पोस्टपेड नंबर का पिछला बिल नहीं भरने पर मोबाइल नंबर के मालिक बदलने की अर्जी लंबित होने पर, नए नंबर को तीन महीने पूरे ना होने पर, इंटर सर्किल पोटिंग की अर्जी देने पर और मौजूदा नंबर पर कोई कानूनी मामला दर्ज होने पर एमएनपी की अर्जी खारिज हो सकती है

जानिए कैसे बदले कम्पनी बिना नंबर बदले

मोबाइल पोर्टबिलिटी सेवा से मोबाइल कम्पिनियों में घमासान

Saturday, January 1, 2011

सभी देशवासियों को नया साल मुबारक

Tuesday, December 7, 2010

दुनिया का सबसे बड़ा ख़ुफ़िया जानकारियों का भांडा फोड़





विकीलीक्‍स द्वारा अमेरिकी दूतावासों से जुड़े ढाई लाख गोपनीय संदेश जारी किए गए जाने के बाद अमेरिका सहित पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है। इतिहास में खुफिया जानकारियों का इतना बड़ा खुलासा इससे पहले कभी नहीं हुआ था। विकीलीक्‍स ने इससे पहले इराक और अफगानिस्‍तान में अमेरिकी सेना की ज्‍यादती की पोल खोल कर अमेरिका की नींद उड़ा दी थी।

विकीलीक्स एक वेबसाइट है, जो संवेदनशील दस्तावेज प्रकाशित करती है। यह एक अंतरराष्ट्रीय गैर लाभ मीडिया संगठन है। इसमें दस्तावेज किस सूत्र से प्राप्त हुए हैं, यह गुप्त रखा जाता है। यह दस्तावेज किसी देश की सरकार, कंपनी के, संस्था के या किसी धार्मिक संगठन के भी हो सकते हैं।

2006 में जूलियन असांजे नामक शख्‍स ने विकीलीक्स वेबसाइट की स्थापना की। असांजे विकीलीक्स. कॉम के एडिटर इन चीफ और प्रवक्ता हैं। असांजे का मानना है कि उनकी पांच लोगों की टीम ने इतने अहम और गुप्त दस्तावेज जारी किए हैं, जितनी पूरी दुनिया की मीडिया में नहीं किए गए हैं। इस वेबसाइट का संचालन ‘द सनशाइन प्रेस’ करती है। अपने लांच के एक साल के अंदर ही वेबसाइट ने दावा किया था कि उसकी वेबसाइट पर 12 लाख से भी अधिक ऐसे दस्तावेज हैं, जिसके बारे में दुनिया नहीं जानती। इसे कई पुरस्कार मिल चुके हैं।

2008 में इंग्लैंड की ‘इकोनॉमिस्ट मैगजीन’ ने विकीलीक्स को ‘न्यू मीडिया अवॉर्ड’ दिया था। 2009 में विकीलीक्स और इसके प्रमुख जूलियन असांजे को एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यूके मीडिया अवॉर्ड दिया। मई 2010 में ‘न्यूयॉर्क डेली न्यूज’ ने विकीलीक्स को उन वेबसाइट्स की सूची में सबसे ऊपर रखा, जिनमें समाचार बदल देने की क्षमता है। विकीलीक्स को कोई भी व्यक्ति ऐसी जानकारी इलेक्ट्रॉनिक ड्रॉप बॉक्स के जरिए दे सकता है, जो सेंसर्ड हो, प्रतिबंधित हो या पहले कभी न प्रकाशित हुई हो। विकीलीक्स की वेबसाइट विकीलीक्सडॉटओआरजी पर खबर देने संबंधित जानकारी जुटाने के लिए ऑन लाइन चैट की भी सुविधा है।

हैकर असांजे

1971 में जन्मे जूलियन असांजे 1980 के दशक के आखिर में हैकिंग करने वाले ग्रुप 'इंटरनैशनल सबवर्सिव्स' के सदस्य थे। इस ग्रुप को मेंडेक्स के नाम से भी जाना जाता था। इस दौरान 1991 में मेलबर्न में मौजूद असांजे के घर पर ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने छापेमारी भी की थी। १९९४ में असांजे ने कंप्यूटर प्रोग्रामर की हैसियत से काम करना शुरू किया। 1999 में असांजे ने लीक्स. ओआरजी नाम से एक डोमेन रजिस्टर्ड कराया था। लेकिन असांजे का कहना है तब उन्होंने इस डोमेन पर कोई काम नहीं किया था।

अमेरिका के लिए 'सिरदर्द'

असांजे अमेरिका के लिए लंबे से समय से 'सिरदर्द' बने हुए हैं। उन्होंने इराक युद्ध से जुड़े लगभग चार लाख दस्तावेज अपनी वेबसाइट पर जारी किए थे जिसमें अमेरिका, इंग्लैंड एवं नाटो की सेनाओं के गंभीर युद्ध अपराध करने के सबूत मौजूद होने का दावा किया गया था। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओवामा तक ने उन्हें इसके खिलाफ चेतावनी दी। इसके बाद गिरफ्तारी के डर से उन्हें छिप-छिप कर जीवन बिताना पडा। एक इंटरव्यू में असांजे ने कहा कि वह झूठे नामों से होटलों में रह रहे हैं, अपने बालों को दूसरे रंगों में रंग रहे हैं और क्रेडिट कार्ड की जगह नकद राशि का उपयोग कर रहे हैं। इसके लिए अक्सर उन्हें अपने दोस्तों से पैसे उधार लेने पड़ते हैं।



कैसे लीक हुए दस्‍तावेज

ताजा मामला दुनियाभर के देशों में अमेरिकी राजदूतों द्वारा विदेश मंत्रालय को भेजे गए गोपनीय संदेशों से जुड़ा है जिसने अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ‘रणनीति’ की पोल खोल दी। आरोप है कि ये गोपनीय संदेश अमेरिकी सैनिक ब्रेडले मैनिंग ने ही चुराए और विकीलीक्‍स वेबसाइट के संस्‍थापक जूलियन असांजे को सौंप दिए।

इन गोपनीय दस्‍तावेजों को समटने वाले टेक्‍सट फाइल की साइज 1.6 गीगाबाइट है। यह फाइल पहले एक सीडी में थी जिसके कवर पर मशहूर पॉप सिंगर लेडी गागा की तस्‍वीर थी। इससे ऐसा लगता है कि यह लेडी गागा के किसी एल्‍बम की सीडी है। बाद में इसे एक मेमोरी स्टिक में ट्रांसफर किया गया। यह स्टिक इतना छोटा था कि इसे चाबी के छल्‍ले में आसानी से लटका कर चला जा सकता है।

आने वाले दिनों में इस दस्‍तावेजों के सार्वजनिक होने से और बड़े खुलासे सामने आएंगे। दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति अमेरिका की सहयोगी और दुश्‍मन देशों के प्रति क्‍या नीति है, एक-एक कर परतें खुल रही हैं। विकीलीक्‍स की ओर से दुनियाभर के 250 से अधिक देशों में स्थित अमेरिकी दूतावासों की 251287 फाइलें सार्वजनिक की जा रही हैं जो अमेरिकी प्रशासन को भेजी गई थीं। इन फाइलों पर लिखा था कि इन्‍हें गैर-अमेरिकी नागरिकों को किसी भी सूरत में नहीं दिखाना है।

अमेरिकी सेना के मुताबिक ब्रेडले मैनिंग (22) नाम के एक सैनिक पर गोपनीय दस्‍तावेज लीक किए जाने का संदेह है जो पहले बगदाद के पास एक सैन्‍य शिविर पर तैनात था। इस सैनिक ने न सिर्फ अमेरिकी विदेश मंत्रालय की गोपनीय दस्‍तावेज लीक किए बल्कि अफगानिस्‍तान और इराक में अमेरिकी सेना की कार्रवाई की कई तस्‍वीरें भी उतारी हैं जिसमें स्‍थानीय लोगों की मौत हुई थी।

संदिग्‍ध सैनिक को पिछले सात महीने से कैद कर रखा गया है और अगले साल इसका कोर्ट मार्शल किए जाने की तैयारी चल रही है। इस सैनिक की एक हैकर से हुई बातचीत भी रिकार्ड की गई है। बातचीत के दौरान उसने कहा कि वह ‘लेडी गागा’ जैसी कोई सीडी ला रहा है जिसकी सूचनाएं एक छोटी फाइल में समेटी जाएगी। वह पिछले आठ महीने से रोज 14 घंटे गोपनीय सूचनाओं के नेटवर्क पर नजरें गड़ाए हुए है। अमेरिकी सेना के खुफिया विश्‍लेषक रह चुके मैनिंग की नजर में विकिलीक्‍स सूचना के अधिकार से जुड़े कार्यकर्ताओं की आजादी का प्रतीक है।


किए बड़े खुलासे

2006 दिसंबर विकीलीक्स ने पहला डॉक्यूमेंट पोस्ट किया था। इसमें सोमालिया के सरकारी अधिकारी की हत्या के निर्णय पर शेख हसन दाहिर ने हस्ताक्षर किए थे।
2008 सितंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान सारा पालिन ने अपने कार्य संबंधी संदेश को भेजने के लिए निजी याहू ई-मेल का प्रयोग किया था। यह पब्लिक रिकॉर्ड लॉ का उल्लंघन था।
2009 जनवरी में यूनाइटेड नेशन्स की 600 आंतरिक रिपोर्ट की सूचनाओं को लीक लिया।
2009 जनवरी में यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एन्जिलिया की क्लाइमेट रिसर्च यूनिट के विवादास्पद डॉक्यूमेंट को छापा गया। इसमें मौसम वैज्ञानिकों के बीच ई-मेल में हुई बातें थीं। यूनिवर्सिटी के अनुसार, ई-मेल और दस्तावेज सर्वर को हैक कर हासिल किए गए थे।
19 मार्च 2009 को विभिन्न देशों की उन गैरकानूनी साइट्स की सूची प्रकाशित की जो प्रतिबंधित थीं। इसमें चाइल्ड प्रोर्नोग्राफी और आतंकवाद से जुड़ी साइट्स के पते थे।
28 जनवरी 2009 को पेरू के राजनेताओं और बिजनेसमैन के बीच 86 टेलीफोन कॉल की रिकॉर्डिग जारी की। इसमें पेट्रोगेट ऑयल स्कैंडल से जुड़ी बातें थीं, जो कि 2008 में हुआ था।
16 जनवरी, 2009 को ईरानी समाचार एजेंसी ने रिपोर्ट दी कि ईरान की एटोमिक एजेंसी ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख घोल्म रेजा ने 12 वर्षो की सेवा के बाद अज्ञात कारणों से तत्काल इस्तीफा दे दिया। बाद में विकीलीक्स ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया कि ईरान में गंभीर परमाणु दुर्घटना हुई थी। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स ने जारी एक रिपोर्ट में कहा कि एनरिच सेंट्रीफ्यूगल ऑपरेशनल्स (संवर्धित परमाणु सामग्री) की संख्या 4700 से रहस्यमयी तरीके से घट कर 3900 हो गई थी।
25 नवंबर, 2009 को विकीलीक्स ने 5.70 लाख पेजर मैसेज को रिलीज किया। ये संदेश 11 सितंबर को हुई आतंकी हमले के दिन पेंटागन अधिकारियों और न्यूयॉर्क सिटी पुलिस विभाग के बीच किए गए थे।
2010 अक्टूबर में इराक युद्ध से संबंधित चार लाख दस्तावेज जारी किए। 22 अक्टूबर 2010 को अल जजीरा ने पहली बार इस रिलीज का विश्लेषण किया।
25 जुलाई, 2010 को अफगान युद्ध में 2004-09 के बीच हुई घटनाओं, नागरिकों की मौतों के बारे में 92 हजार दस्तावेज जारी किए।
15 मार्च, 2010 को अमेरिकी रक्षा विभाग के 32 पेज की खुफिया रिपोर्ट रिलीज की। इसमें 2008 की काउंटरइंटेलीजेंस एनालिसिस रिपोर्ट थी। असांजे ने कहा कि सेना की रिपोर्ट पूरी तरह से सही नहीं है।


WIKILEAKS HAVE 507 WEBSITES ON INTERNET





Wednesday, September 2, 2009

हर साल लाखों विद्यार्थी विभिन्न शिक्षा बोर्डों और विश्विद्यालयों की की विभिन्न परीक्षाओं में भाग लेते हैं .स्कूलोंकोलेजों में अनेक प्रकार की परिक्षाए आयोजित की जाती हैं. किसी अच्छे स्कूल कोलेज में प्रवेश लेना हो तो प्रवेशपरीक्षा दो कोई नोकरी पानी हो तो परीक्षा में बेठो
परीक्षा वास्तव में किसी के गुण,सामर्थ्य अथवा योग्यता की जाँच के लिए होती है। हमारी सिक्षा प्रणाली की रीडपरीक्षा है हमारे स्कूलों कोलेजों ,विश्वविधालयों में जो कुछ पढाया पढ़वाया जाता है। इस सब का लक्ष्य परीक्षाहोता है ।तीन घंटे अथवा इससे भी कम समय में छात्र द्वारा वर्ष भर पढ़ा समझा विषय कैसे जांचा परखा जा सकताहै? प्रश्न पत्रों का निर्माण वैज्ञानिक ढंग से नही होता है परीक्षा भवन में नक़ल जैसे अनुचित उपाय सम्पूण परीक्षाप्रणाली पर पिर्ष्ण चिन्ह लगा देते हैं
जिस प्रकार भक्तों के लिए राम नाम का ही सहारा उसी प्रकार छात्रों के लिए नक़ल सहारा है परीक्षाओं के समयछात्र साड़ी रात चिटें बनते हैं इसके लिए सारी कितबों को फाड़ डालते हैं वर्ष भर टूशन पढ़ने वाले अध्यापकसाल भर छात्रों का धन हरते हैं वे परीक्षा में पास करवाने का जिम्मा भी लेते हैं परीक्षाओं में चिटें भी उपलब्धकरवाते हैं
कुछ छात्र आज भी परीक्षाओ में साड़ी रात किताबों ,guides को फाड़ते हैं
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Friday, December 12, 2008

Friday, November 28, 2008

चुनाव से से तीन दिन पहले 26 नवम्बर की रात को मुंबई के बड़े होटल पर आतंकियों ने कब्ज़ा कर लिया वे अपने साथियों को छुडाने की मांग कर रहे हैं .उन्हिने सेकडो निर्दोसलोगों की हत्या कर दी है .यह हमें दिल्ली चुनाव मैं फायेदा पाने के लिए किसी राजनेतिक संगठन द्वारा की गयी घिनोनी राजनीती लगती है .इन्होने आम आदमिओं के आलावा मुंबई ATS के कई अधिकारीयों की हत्या कर दी है .ATS ने कुछ दिन पहले पहले मुंबई से साध्वी प्रिग्य सहित कई आतंकियो को बोम्ब blast के केश में गिरफ्तार किए था .इस लिए इसमें RSS का हाथ हो सकता है .

Thursday, October 30, 2008

पुलिस द्वारा की गई हत्‍या

इसे मुंबई पुलिस द्वारा की गई हत्‍या अधिक उचित प्रतीत होता है । ऐसा लगता है कि उत्‍तर भारतीय लोगों के खिलाफ राज ठाकरे द्वारा जो अलोकतांत्रिक एवं राष्‍ट्र विरोधी हरकतें की जा रही हैं, उसे वहां की कांग्रेस-राष्‍ट्रवादी कांग्रेस सरकार का मौन समर्थन हासिल है, जो राष्‍ट्रविरोधी कार्यवाही में लिप्‍त लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय उत्‍तर भारतीयों के दमन को प्राथमिकता दे रही है । इसका खामियाजा कांग्रेस को अवश्‍य भुगतना होगा